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बुड्ढ़े की मृत्यु / रघुवीर सहाय
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19:00, 21 नवम्बर 2008
कि वह पैरगाड़ी पे उचक कर नहीं चढ़ पाया<br>
जिन्दगी में बाएँ जूते को पिछले पहिये की कीली पर जमा<br>
हाथों से
सैंडिल
हैंडिल
थाम<br>
कईं पैंगे मारता था<br>
और जब साइकिल चल पड़ती थी<br>
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