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जनम होअए जनु / विद्यापति
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22:15, 21 नवम्बर 2008
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<Poem>
जनम होअए जनु, जओं पुनि होइ।
जुबती भए जनमए जनु कोइ ।।
भनइ विद्यापति अछ परकार।
दंद-समुद होअ जिब दए पार।।
</poem>
अनिल जनविजय
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