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राजर्षि / नामवर सिंह
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30 अगस्त
डाल पर जग के विहग हम
बोल भी
पाए
न थे
पाए
चेतना के पंख अपने
खोल भी
पाए
न थे
पाए
किन्तु तुमने किया विद्युत - चेतना संचार !
अनिल जनविजय
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