Changes

पल में हँसता जी भर आता
मैं तो तब तक जलता जाऊँ
जब तक आ न जाए विहान ।
शलभ ने त्यागे फिर-फिर प्राण !
दीप को अपना सब कुछ मान।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,594
edits