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11:16, 31 अगस्त 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=प्रभात
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<poem>
जिन्हें माँ की याद नहीं आती
उन्हें माँ की जगह किसकी याद आती है ?
जिन्हें बहन की याद नहीं आती
उन्हें बहन की जगह किसकी याद आती है ?
याद नहीं आती जिन अभागों को अपने बाबा की
उन्हें बाबा की जगह किसकी याद आती है ?
बाज़ार
हिंसा
सताने वाली व्यवस्था
याद ही को नष्ट कर दे
अभी मैं मानने को तैयार नहीं इसे
यही है वजह
मैं पूछता हूँ सबसे सब जगह
जिन्हें अपने गांव की याद नहीं आती
उन्हें गांव की जगह किसकी याद आती है ?
</poem>
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