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09:58, 23 नवम्बर 2008 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नासिर अहमद सिकंदर
|संग्रह=
}}
<Poem>
कविता की क़िताब
या कहानी, उपन्यास
स्कूल-पाठ्यक्रम
या धार्मिक
क़ीमती अथवा सस्ती
कवर ज़रूर चढ़े
पुराना अख़बार
कलेण्डर पुराना
बाज़ार में उपलब्ध
या काग़ज़ ख़ाकी
यह कवर ही
जो बचाए मुखपृष्ठ
होने से मैला
पानी में भीगे
पहले भीगे कवर
धूल क़िताब से पहले
चढ़े कवर पर
जैसे शरीर से चिपके बनियान
किताब कवर से
चित्थे-चित्थे उतरे बनियान
धज्जी-धज्जी कवर !
</poem>