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दादी ने कहा / महेश उपाध्याय

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<poem>
दादी ने कहा
बड़ी भौजाई ने सुना
पहला फल अँचल का पाहुना ।

आँगन का हो या हो घेर, बेल, डाल का
पहला फल देवता सरीखा है ताल का

लाएगा लाड़-प्यार चौगुना ।

पहले फल की जिसने मन से अगवानी की
बरसा दी सौ असीस धूप - हवा - पानी की
उस घर का आँगन है कुनकुना ।
</poem>
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