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म र मेरो अतीत / पारिजात
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4 सितम्बर
र मेरो अतीतले थाहा पाउँछ
ममा बाँसको झैं खोक्रोपना छ ।
०००
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[[मैं और मेरा अतीत / पारिजात / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक करके इस कविता का एक हिंदी अनुवाद पढ़ा जा सकता है।]]
</poem>
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