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14:05, 21 नवम्बर 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सुशांत सुप्रिय
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|संग्रह=
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<poem>
जो फूल तोड़ने जा रहे हैं
उनसे मेरा विनम्र अनुरोध है कि
थोड़ी देर के लिए
स्थगित कर दें आप
अपना यह कार्यक्रम
और पहले उस कली से मिल लें
खिलने से ठीक पहले
ख़ुशबू के दर्द से छटपटा रही है जो
यह मन के लिए अच्छा है
अच्छा है आदत बदलने के लिए
कि कुछ भी तोड़ने से पहले
हम उसके बनने की पीड़ा को
क़रीब से जान लें
</poem>