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05:42, 26 नवम्बर 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=अनामिका अनु
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उसकी आँखें कविताओं से भारी हैं
उसके कंठ कविताओं से भरे हैं
उसके ओंठ कविताओं से हल्के गुलाबी
उसका देह कविताओं के लिए तत्पर और तैयार है
उसकी साँसों में कविताओं की गमक है
मैंने उसे गर्मजोशी के साथ अलविदा कहा
यह रात उसे कविताओं के साथ गुज़ारनी है
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