620 bytes added,
10:33, 3 दिसम्बर 2024 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=पाछो कुण आसी / नीरज दइया
}}
Category:मूल राजस्थानी भाषा
{{KKCatKavita}}<poem>म्हैं कैवू - दिन
थूं रात नै दिन मानै
म्हैं कैवू - रात
थूं दिन नै रात मानै
म्हारै अर थारै बिचाळै प्रेम है
प्रेम ई कर सकै-
साच साम्हीं हरेक नै आंधो।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader