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23:59, 25 दिसम्बर 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=नरेन्द्र जैन
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'''सुरेश सलिल के लिए'''
विदिशा जनपद का हाथ का मला हुआ ज़र्दा
सुरेश सलिल के लिए
और यहाँ एक ख़ाली जाम सुरेश सलिल के लिए
होशंगाबाद ज़िले के क़स्बे सोहागपुर का
एक पान पत्ता सुरेश सलिल के लिए
और हैदराबाद क़िवाम और बाबा ज़र्दा 120 की
पत्तियाँ सुरेश सलिल के लिए
वो चाँ जो बालों में उतर आई है
वो लाली जो पतले ओठों पर छायी है
ओंठ ऐसे जो ममता कुलकर्णी और
आयशा टाकिया के ओठों को मात दे दें
परम्परा और संगत का अद्भुत मेल लिए
जिसे कहते हैं सब सुरेश सलिल
उसी के लिए एक जाम इस शाम
चंद पान और कुछ गिलौरियाँ
उसी एक
सुरेश सलिल के लिए
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