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हमारे पास यहाँ / हेनरी मीशॉ
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,
10:04, 25 नवम्बर 2008
केवल एक सूरज मुँह में,
और तनिक देर वास्ते।
हम मलते अपनी
आंखें
आँखें
दिनों आगे।
निष्फल लेकिन।
अभेद्य मौसम।
अनिल जनविजय
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