गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
गुज़र रहे हैं ज़िन्दगी के साल / निलूफ़र शिख़ली / अनिल जनविजय
No change in size
,
29 अप्रैल
कड़वा-मीठा जीवन यूँ गुज़र जाता
झुलसते
झुलसता
-
खनकते
खनकता
जीवन ठहर जाता
'''अज़रबैजानी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,245
edits