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चाहे कुछ भी हो जाए / वर्जिनिया वुल्फ़ / अनिल जनविजय
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16 मई
कुछ नया जाँचो और बाँचो,
कुछ नया संजोओ और साधो, सृजन करो नया, मन को थोड़ा बाँधो,
सपने देखो नए नए,
जीवन से दुख-दर्द गए
।
ज़िन्दा रहो,
अनिल जनविजय
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