==नार्वे में दूसरा विश्व हिन्दी दिवस मनाया गया ==
[[चित्र:Norway2.JPGjpg|left|thumb|चित्र में बायें से सुरेशचन्द्र शुक्ल च्च्शरद आलोकच्च्, राजदूत महेश सचदेव, प्रोफेसर क्नुत शेलस्तादली भाषण देते हुए और कवियित्री इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन]]
१० जनवरी को वाइतवेत युवा केन्द्र, ओस्लो में भारतीय-नार्वेजीय सूचना और सांस्कृतिक फोरम की ओर से दूसरा विश्व हिन्दी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस ऐतिहासिक हिन्दी दिवस के मुख्य अतिथि थे नार्वे और आइसलैण्ड में भारतीय राजदूत महेश सचदेव, विशेष अतिथि थे ओस्लो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्नुत शेलस्तादली और अध्यक्षता कर रहे थे ओस्लो पार्लियामेन्ट के सदस्य और नार्वे से प्रकाशित स्पाइल-दर्पण पत्रिका के सम्पादक सुरेशचन्द्र शुक्ल च्च्शरद आलोकच्च्।
[[चित्र:Norway1.JPGjpg|left|thumb|सुरेशचन्द्र शुक्ल च्च्शरद आलोकच्च् को पुस्तकें भेंट करते हुए राजदूत महेश सचदेव]]
हिन्दी को विदेशों में मान्यता दिलाने के लिए हमारे प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने पिछले वर्ष १० जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। कार्यक्रम में महेश सचदेव जी ने प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह का सन्देश पढ़ा और उन्होंने बताया कि ओस्लो विश्वविद्यालय में आज से हिन्दी की कक्षायें शुरू की गयी हैं जिसमें जर्मन मूल के प्रोफेसर क्लाउस पेतेर जोलर हिन्दी पढ़ा रहे हैं। जोलर कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके पर उन्होंने अपनी शुभकामनायें भेजीं।