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अकारण ही पड़ोसन काकी
और मेरी घरवाली में
छिड़ गया वाक-युध्दयुद्धकोयल -सी मधुर आवाज़
बदल गई गाली में
ये भी क्रुध्दक्रुद्धवे भी क्रुध्दक्रुद्ध
छूटने लगे शब्द-बाण
मुंह हो गया तरकस
हम दोनों
आमने-सामने लड़े थे
किंतु तब पुरषों पुरुषों का युग था
अब नारी सत्ता है
पुरूष क्या है?