Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ज्ञान प्रकाश विवेक |संग्रह=गुफ़्तगू अवाम से है /...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ज्ञान प्रकाश विवेक
|संग्रह=गुफ़्तगू अवाम से है / ज्ञान प्रकाश विवेक
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
निभाई हैं फटे कम्बल से रिश्तेदारियाँ हमने
गुज़ारी हैं बड़ी दिक़्क़त से यारों सर्दियाँ हमने

हमारी भूमिका ऐ ज़िन्दगी, तू ख़ाक समझेगी-
छुपाईं क़हक़हों में आँसुओं की अर्ज़ियाँ हमने

पहाड़ों पर चढ़े तो हाँफना था लाज़िमी लेकिन-
उतरते वक्त भी देखीं कई दुश्वारियाँ हमने

किसी खाने में दुख रक्खा, किसी में याद की गठरी
अकेले घर में बनवाईं कई अलमारियाँ हमने

दरख़्तों का वही तो ख़ैरख़्वाह अब बन गया यारो,
कि जिसके हाथ में देखी हैं अक्सर आरियाँ हमने

सजाया मेमना चाकू तराशा,ढिल बजवाए,
बलि के वास्ते निपटा लीं सब तैयारियाँ हमने.
</poem>