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वसीम बरेलवी
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13:45, 15 दिसम्बर 2008
* [[कही सुनी पे बहुत एतबार करने लगे]]
* [[हुस्न बाज़ार हुआ क्या कि हुनर ख़त्म हुआ / वसीम बरेलवी]]
* [[रात के टुकड़ों पे पलना छोड़ दे /वसीम बरेलवी]]
* [[तुझको सोचा तो पता हो गया रुसवाई को / वसीम बरेलवी]]
द्विजेन्द्र द्विज
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