गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
इमारतें / तुलसी रमण
6 bytes added
,
22:24, 22 दिसम्बर 2008
लेकिन हरेक की
नींव रखने के साथ ही
मिट्टी में धँसी
हुई
हुईं
आस-पास उगी
है
हैं
अनेक झुग्गियाँ
जिनके बिना
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits