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मैं तुम्हारे आतंक से मुक्त होना चाहता हूँ ईश्वर! / अशोक सिंह
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04:32, 27 दिसम्बर 2008
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है
न ही डर है तुम्हारा
क्योंकि मुझे
पत
पता
है
तुम्हारे होने से नहीं है हमारा अस्तित्व
बल्कि आदमी है तो ज़िन्दा हो तुम
अनिल जनविजय
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