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ज्योति पर्व : ज्योति वंदना / नरेन्द्र शर्मा
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जीवन की अंधियारी
रात हो उजारी!
:
धरती पर धरो चरण
रात हो उजारी!
धरती पर धरो चरण
:
तिमिर-तम हारी
परम व्योमचारी!
:
चरण धरो, दीपंकर,
:
जाए कट तिमिर-पाश!
दिशि-दिशि में चरण धूलि
आओ, नक्षत्र-पुरुष,
:
गगन-वन-विहारी
परम व्योमचारी!
विनय प्रजापति
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