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करो याद / प्रयाग शुक्ल
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12:32, 1 जनवरी 2009
|संग्रह=यह जो हरा है / प्रयाग शुक्ल
}}
<Poem>
शाम का कौन सा
आकाश तुम्हें याद है ?
किस चिड़िया के पंख ?
पानी किस ताल
या नदी का ?
कौन से फूल ?
क्या-क्या गए हो भूल ?
याद करो ।
हो चुकी है क्या
याद कठिन ?
जा रहा है दिन
यह ।
करो याद ।
</poem>
अनिल जनविजय
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