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करो याद / प्रयाग शुक्ल

1 byte added, 12:32, 1 जनवरी 2009
|संग्रह=यह जो हरा है / प्रयाग शुक्ल
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 <Poem>
शाम का कौन सा
 
आकाश तुम्हें याद है ?
 
किस चिड़िया के पंख ?
 
पानी किस ताल
 
या नदी का ?
 
कौन से फूल ?
 
क्या-क्या गए हो भूल ?
 
याद करो ।
 
हो चुकी है क्या
 
याद कठिन ?
 
जा रहा है दिन
 
यह ।
 
करो याद ।
</poem>
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