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पता नहीं / जयप्रकाश मानस
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19:32, 6 सितम्बर 2006
मूर्ति में देवता<br>
देवता के हाथों में त्रिशूल खड्ग बाण<br>
नाचा
नाच
के मुखौटे<br>
कभी भी मिल सकते हैं<br>
यह सब पता है हम सभीको <br>
पता नहीं है <br>
हम कहाँ उड़ रहे...
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घनश्याम चन्द्र गुप्त