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प्रयाणगीत / जयशंकर प्रसाद
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हिमाद्रि तुंग
श्रृंग
शृंग
से प्रबुद्ध शुद्ध भारती -<br>स्वयंप्रभा
समुज्जवला
समुज्ज्वला
स्वतंत्रता पुकारती -<br>
अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़-प्रतिज्ञ सोच लो,<br>
प्रशस्त पुण्य पंथ हैं - बढ़े चलो बढ़े चलो।<br><br>
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