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जलेगा दिया तो सँवर जाएगा / ज्ञान प्रकाश विवेक
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14:09, 11 जनवरी 2009
है शीशा तो गल जाएगा आग में
है
सिना
सोना
तो तप कर निखर जाएगा
गुलेलें हैं हर शख़्स के हाथ में
कि
बच के
बचकर
परिन्दा किधर जाएगा
तेरे वारदातों के इस शहर में
द्विजेन्द्र द्विज
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