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घाटी-1 / तुलसी रमण
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बंसरी के स्वर
पुचकारती भेड़ों को
''
रूपणू३ पहाल४
''
के
होठों की शुई-शुई
गूंजती हाली की हाँक
प्रकाश बादल
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