Changes

रुमाल / गोरख पाण्डेय

6 bytes added, 14:42, 16 जनवरी 2009
भावुक हैं, पारटियों को गाली तेज़
दे देते हैं कोनों से पोंछ मलाल
गबड़ियों गड़बड़ियों से आजिज़ भरते जब आह
रंगीन तहों से कोई तानाशाह
रच कर सुधार देते हैं हाल.
</poem>