गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
गिला लिखूँ मैं अगर तेरी बेवफ़ाई का / सौदा
6 bytes removed
,
10:55, 19 जनवरी 2009
गिला लिखूँ मैं अगर तेरी बेवफ़ाई का
लहू में
ग्ज़र्क़
ग़र्क़
सफ़ीना हो आशनाई का
ज़बाँ है शुक्र में क़ासिर शिकस्ता-बाली के
विनय प्रजापति
558
edits