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प्रेम कविता / अनूप सेठी
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1.
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डयूटियां
डयूटियाँ
बहुत बजा लीं
गृहस्थी और तुनक मिजाजी चलती रहेगी
आंखें
आँखें
बड़ी
-
बड़ी
बहुत पास
दंत
दँत
पंक्ति उनसे भी बड़ी
पूर्ण स्मित हास
इतने पास
गर्मजोशी सब कुछ
बांट
बाँट
लेने की
सलेटी बादलों में उजास
समुद्री हवा अनायास
(1996)
प्रकाश बादल
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