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दूसरी होगी कहानी <br>
शून्य में जिसके मिटे स्वर, धूलि में खोई निशानी;<br>
आज जिसपर प्यार विस्मितविस्मृत ,<br>
मैं लगाती चल रही नित,<br>
मोतियों की हाट औ, चिनगारियों का एक मेला!<br><br>
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