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स्ट्रीट लाईट / केशव

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बहुत दूर तक नहीं जाती
जाती है जहां तक भी
हर चीज को उसकी
पहचान दिलाती
कोई अंधेरा
नहीं छीन सकता
उसका यह अधिकार
हो कितना भी गहरा
न खोजती है
न टटोलती
अपने दायरे में
आने वाली हर चीज
चुपके से उठा
धर देती है
हथेलियों पर
फिर उससे हम खेलें
या रख लें किसी चोर जेब में
इससे नहीं उसका वास्ता
उसका वास्ता
सिर्फ पहचान करवाने का है
थोपने का नहीं।
</poem>
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