Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रफुल्ल कुमार परवेज़ |संग्रह=संसार की धूप / प्र...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रफुल्ल कुमार परवेज़
|संग्रह=संसार की धूप / प्रफुल्ल कुमार परवेज़
}}
[[Category:कविता]]
<poem>

एक कहता है
पानी में अगर
लग जाए आग तो
कहाँ जायेंगी मछलियाँ

दूसरा कहता है
पेड़ पर चढ़ जायेंगी

पहला कहता है
लो
वे भी कोई भेड़ बकरियाँ हैं?

दोनों सम्मानित पुरस्कृत हैं

उनके चिंतन का हो
उत्तरोत्तर विकास
इसलिए बजट में है
प्रावधान ख़ास



</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits