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कौन आया रास्ते आईनाख़ाने हो गये / बशीर बद्र
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02:38, 10 फ़रवरी 2009
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
कौन आया रास्ते आईनाख़ाने हो गए
रात रौशन हो गई दिन भी सुहाने हो गए
मेरी पलकों पर ये आँसू प्यार की तौहीन हैं
उनकी आँखों से गिरे मोती के दाने हो गए
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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