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प्लेटफ़ार्म पर अर्द्धनिद्रा / मधुप कुमार
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14:05, 10 फ़रवरी 2009
और देखो सड़क के भीतर फ़ैला आकाश
कितना मुलायम हो गया है
जिसमेंतारे
जिसमें तारे
खोज रहे हैं अपनी मासूमियत
अन्तरिक्ष तक उठने से पहले आकाशगंगा की लहर
सिहर रही है चेतना की परिधि पर
गंगाराम
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