Changes

नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ सिंह }} <poem> नये दिन के साथ एक पन्ना खुल ग...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=केदारनाथ सिंह
}}

<poem>
नये दिन के साथ
एक पन्ना खुल गया कोरा
हमारे प्यार का

सुबह,
इस पर कहीं अपना नाम तो लिख दो!

बहुत से मनहूस पन्नों में
इसे भी कहीँ रख दूंगा
और जब-जब हवा आकर
उड़ा जायेगी अचानक बन्द पन्नों को
कहीं भीतर
मोरपंखी का तरह रक्खे हुए उस नाम को
हर बार पढ़ लूंगा।

(1958)
</poem>
397
edits