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19:11, 15 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अमिता प्रजापति
|संग्रह=
}}
[[Category:कविताएँ]]
<Poem>
प्रेम और स्पर्श
मेरे दो बच्चे हैं
स्पर्श कुछ अधिक चंचल है
दौड़ता है दूर-दूर तक
पूछ-पूछ कर
परेशान रखता है अधिकांश
दूसरा-
प्रेम ज़रा गम्भीर है
बहुत संकट में ही माँ पुकारता है
और अधिकतर समय
ख़ुद ही
अपनी माँ बना रहता है।
</poem>