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01:30, 16 फ़रवरी 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार = अशोक वाजपेयी
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वह कैसे कहेगी – हाँ!
हाँ कहेंगे
उसके अनुरक्त नेत्र
उसके उदग्र-उत्सुक कुचाग्र
उसकी देह की चकित धूप
उसके आर्द्र अधर
कहेंगे – हाँ
वह कैसे कहेगी – हाँ?
(1990)
</poem>