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कोई दीवाना कहता है (कविता) / कुमार विश्वास
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15:17, 25 फ़रवरी 2009
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!
भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा
!
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
!!
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
!
मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा
!!
</poem>
Mridulmmishra
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