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कोई दीवाना कहता है (कविता) / कुमार विश्वास
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15:19, 25 फ़रवरी 2009
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन
तू
बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!
Mridulmmishra
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