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चीज़ क्या हूँ जो करें क़त्ल वो अँखियाँ मुझको / सौदा
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16:52, 27 फ़रवरी 2009
पर कभू मैं न कहा उससे कि दौराँ<ref>ऐ ज़माने</ref>, मुझको
किसकी मिल्लत में गिनूँ
मैं
आपको बतला ऐ शैख़
तू मुझे गब्र<ref>क़ाफ़िर</ref> कहे, गब्र मुसलमाँ मुझको
विनय प्रजापति
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