Changes

ख़त / केशव

45 bytes added, 17:26, 1 मार्च 2009
|संग्रह=ओ पवित्र नदी / केशव
}}
[[Category:कविता]]
<Poem>
बहुत दिनों से
ख़त नहीं आया
:: शहर से
पिछला ख़त
कितनी-कितनी बार पढ़वाया
और रख दिया
दीये की जगह
:: आले में
अम्मा ने
अम्मा का चेहरा
चेहरे में गलता हुआ
::वक्त
वक्त के ढूह पर
एकमात्र मोटर से उतरनेवाला
हर चेहरा
::पैग़ाम लगता है
शहर में खोये हुए बेटे का
और जिसकी सूनी आँखों में
Mover, Uploader
2,672
edits