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सह पलायन / आरागों
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'''सह पलायन'''
एक खुशी फूटती है
वीणा में नपे तीन समय में
एक खुशी फूटती है जंगल में
जिसे मैं कहना जानता नहीं
सिर मोड़ो, हँसी मोड़ो
किसके प्यार के लिए
कैसे प्यार के लिए
मेरे प्यार के लिए
हेमंत जोशी
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