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रेख्ते में कविता / उदय प्रकाश
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14:15, 10 मार्च 2009
|रचनाकार=उदयप्रकाश
|संग्रह=
}}
<poem>
जैसे कोई हुनरमंद आज भी
घोड़े की नाल बनाता दिख जाता है
Pratishtha
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