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13:34, 11 मार्च 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पॉल एल्युआर
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<poem>
मैं उसे जानता हूँ बहुत खूब
निराशा के पंख नहीं होते
न होता है प्यार का चेहरा कोई
न वे बात करते हैं
न मैं हिलता हूँ
न देखता हूँ उन्हें
न बातें ही करता हूँ उनसे
फिर भी
कहीं अधिक जीवित हूँ
अपने प्यार
अपनी निराशा से मैं।
</poem>
'''मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी