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शक्ति और क्षमा / रामधारी सिंह "दिनकर"
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some small fixes to words
क्षमाशील हो रिपु-समक्ष<br>
तुम हुये
विनीत
विनत
जितना ही<br>
दुष्ट कौरवों ने तुमको<br>
कायर समझा उतना ही।<br><br>
जिसके पास गरल हो<br>
उसको क्या जो दंतहीन<br>
विषरहित, विनीत,
विरल
सरल
हो ।<br><br>
तीन दिवस तक पंथ मांगते<br>
Mrityunjay
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