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मस्ते-सेहरो-तौबाकुने-शाम का हूँ मैं / सौदा
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05:19, 24 मार्च 2009
मतलूब<ref>वांछित</ref> हुआ हक़ में नहीं अपने किसू<ref>पुरानी उर्दू में प्रयुक्त 'किसी'</ref> की
तालिब<ref>इच्छुक</ref> लबे-
मज्जूब
मज्ज़ूब
<ref>मज्जूब के होठों से</ref> से दुश्नाम का हूँ मैं
बंदा है ख़ुदा का तो यक़ीं कर कि बुताँ का
विनय प्रजापति
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