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धुरि भरे अति सोहत स्याम जू / रसखान
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05:14, 2 अक्टूबर 2006
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धुरि
धूरि
भरे अति सोहत स्याम जू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।
खेलत खात फिरैं अँगना, पग पैंजनी बाजति, पीरी कछोटी॥
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