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शहर के लोग / प्रभात त्रिपाठी
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12:52, 30 मार्च 2009
एक ही कष्ट है यारो!
कि यह शहर
सिरे से
भष्ट्र
भ्रष्ट
है यारो!
लोग यह बात
अनिल जनविजय
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