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जोग ठगौरी ब्रज न बिकहै / सूरदास
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05:00, 2 अप्रैल 2009
जोग ठगौरी ब्रज न
बिकहै।
बिकैहै।
यह ब्योपार तिहारो ऊधौ, ऐसोई फिरि जैहै॥
डा० जगदीश व्योम
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